Biography of V. V. Giri

 वी. वी. गिरि

पूरा नाम: वेंकटारामन वेंकटाचल प्रसाद गिरि

जन्म: 10 अगस्त 1894

मृत्यु: 24 जून 1980

वी. वी. गिरि एक प्रमुख भारतीय राजनेता थे जिन्होंने भारतीय गणराज्य के चौथे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और वे भारतीय गणराज्य के न्यायिक स्वतंत्रता संग्राम के महान संघर्षक भी थे। उनका जीवन एक सर्वसामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्म का प्रतीक रहा है।

जीवन की आरंभिक जीवन:

  • वी. वी. गिरि का जन्म 10 अगस्त 1894 को आंध्र प्रदेश के बेर्हम्पूर गांव में हुआ था।
  • उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को विशाखापट्टणम के एंड्रुस इंस्टीट्यूट से प्राप्त की और फिर उन्होंने मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

स्वतंत्रता संग्राम:

  • गिरि जी का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान महत्वपूर्ण था। वे गांधीजी के साथ नेशनल मैन्डेट और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करते रहे।
  • उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय कई बार जेल जाने का अनुभव किया और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण प्रमुखों में से एक के रूप में अपनी प्राधान्यता दी।

राजनीतिक करियर:

  • गिरि जी के बाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उत्तराधिकारी और नेता के रूप में उन्होंने भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला।
  • उन्होंने 1974 में भारतीय गणराज्य के चौथे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और उनका कार्यकाल 1974 से 1977 तक चला।

योगदान और उपलब्धियां:

  • वी. वी. गिरि एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही देश के सामाजिक सुधार के लिए अपना योगदान दिया।
  • उन्होंने गांधीजी के दिशानिर्देशों का पालन किया और सत्याग्रह, सामाजिक न्याय, और गाँवों के विकास के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की।

अंतिम दिन:

  • वी. वी. गिरि का निधन 24 जून 1980 को हुआ। उनका जीवन एक उदाहरण है जो उनके महान योगदान और देश के उनके प्रति समर्पण की गरिमा को दर्शाता है।

वी. वी. गिरि का जीवन और कार्यकाल भारतीय गणराज्य के निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद दिलाता है, और उन्हें भारतीय राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता के रूप में स्मरण किया जाता है।

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