ईश्वर क्या-कौन-कैसे?
ईश्वर क्या-कौन-कैसे?
प्रस्तुत लेख को पढ़ने के पश्चात आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर जान पाएंगे:
(क) ईश्वर क्या है?
(ख) ईश्वर कौन है?
(ग) ईश्वर कहां रहते है?
(घ) ईश्वर की उत्पत्ति कब हुई थी?
(ड़) ईश्वर की उत्पत्ति क्यों हुई थी?
(च) विश्व में कुल कितने ईश्वर हैं?
(छ) सर्व शक्तिशाली ईश्वर कौन है?
मनुष्य एक चिंतनशील सामाजिक प्राणी है। बिना सामाजिक ज्ञान के मनुष्य का सम्पूर्ण विकास संभव नहीं है। अपने चिंतन रूपी गुण के कारण मनुष्य नित्य प्रति दिन नए अविष्कार करता रहता है। चूंकि आधुनिक समाज ने विज्ञान एवंं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी उन्नति कर ली है। किंतु फिर भी ईश्वर का विचार स्वयं एक गूढ रहस्य बना हुआ है।
(क) ईश्वर क्या है?
क्या ईश्वर एक रहस्यमई परिकल्पना है? ईश्वर की रचना किसने, कब, कहां, कैसे और क्यों की यह गहन चिंतन एवं दार्शनिक अनुसंधान का विषय है। संसार में अनेक विचारधाराओं के लोग रहते हैं, मुख्य रूप से उन को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
(अ) आस्तिक विचारधारा के लोग(ब) नास्तिक विचाधारा के लोग
(अ) आस्तिक और ईश्वर
प्रथम विचारधारा का अनुसरण करने वाले लोग आस्तिक हैं। आस्तिकों के अनुसार ईश्वर ने इस संसार की रचना की है।
(ब) नास्तिक और ईश्वर
द्वितीय विचारधारा का अनुसरण करने वाले लोगों को नास्तिक समूह के अंतर्गत रखा जाता है। नास्तिकों के अनुसार ईश्वर का कोई पुष्ट प्रमाण या अस्तित्व ना होने के कारण उसे मिथ्या या कोरी कल्पना माना जा सकता है।
संसार में अनेक धर्म विद्यमान है तथा अधिकांश लोग किसी न किसी धर्म का अनुसरण करते हैं। मानव जाति का एक बड़ा हिस्सा किसी भी धर्म का अनुसरण नहीं करता है। इस श्रेणी में नास्तिक, धर्मनिरपेक्ष, संशयवादी, भौतिकवादी या विज्ञानवादी लोग सम्मिलित हैं।
दुनिया के तमाम देशों में कोई ना कोई धर्म अवस्थित है प्रत्येक धर्म का कोई एक या एक से अधिक देवता, भगवान या ईश्वर होतें है।
- कुछ प्रमुख धर्म इस प्रकार है:-
- हिंदू धर्म
- ईसाई धर्म
- इस्लाम धर्म
- सिख धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- यहूदी धर्म
- शिंतो धर्म आदि।
उपरोक्त धर्म उनके अनुयायियों की संख्या के अवरोही क्रम के वैश्विक आंकड़ों के अनुसार श्रेणीबद्ध किए गए हैं।
उपरोक्त धर्म भी दो भागों में वर्गीकृत है, आस्तिक धर्म व नास्तिक धर्म। आस्तिक धर्म में आस्था रखने वाले लोग ईश्वर को स्वीकार करते है जबकि नास्तिक धर्म को मनने वाले एसा नहीं करते ।
(ख) ईश्वर कौन है?
(ग) ईश्वर कहां रहते हैं?
कुछ धार्मिक लोग मानते हैं कि ईश्वर पृथ्वी से बहुत दूर आकाश में है, तो कुछ उसे निराकार बताते हैं। कुछ उसे प्रत्येक जीव जंतु में पाते हैं और कुछ उसके अस्तित्व को चुनौती भी देते हैं। यह गहन शोध का विषय है कि ईश्वर कहां रहते है? क्योंकि पृथ्वी पर विद्यमान सभी इंसानों की मान्यताएं एवं विचारधारा अलग अलग है। कोई ईश्वर को स्वीकारता है तो कोई अस्वीकार करता है।
(घ) ईश्वर की उत्पत्ति कब हुई थी?
(ड़) ईश्वर की उत्पत्ति क्यों हुई थी?
अधिकांश आस्तिक लोगों का मानना है कि ईश्वर ने इस संसार को बसाया है, तथा उसकी इच्छा के बगैर कोई पत्ता भी नहीं हिलता है और पृथ्वी पर जब-जब बाप बढ़ता है, तो पापियों को नष्ट करने के लिए ईश्वर पृथ्वी पर अवतार के रूप में अवतरित होते हैं।
(च) विश्व में कुल कितने ईश्वर है?
दुनिया के तमाम धर्म एक ईश्वर को लेकर एकमत नहीं है। कहीं एक तो कहीं एक से ज्यादा ईश्वर को स्वीकार किया गया है। इस आधार पर हम धर्म को दो भागों मेंं विभाजित कर सकते हैं:-
- एकेश्वरवादी धर्म - जैसे इस्लाम धर्म
- बहुदेववादी धर्म - जैसे हिंदू धर्म
(छ) सर्व शक्तिशाली ईश्वर कौन है?
प्रत्येक आस्तिक मनुष्य अपने धर्म के ईश्वर को श्रेष्ठ मानते और अपनी आस्था के ईश्वर की श्रेष्ठता को प्रमाणित करने के लिए अनेक तर्क वितर्क करते रहते हैं।
निष्कर्ष:- उपरोक्त 'शोध पत्र' विश्लेषणात्मक एवं आलोचनात्मक पद्धति से तैयार किया गया है। निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं, कि दुनिया के कुछ लोग ईश्वर में आस्था रखते हैं, तो कुछ नहीं रखते हैं। कुछ धर्म ईश्वर को स्वीकार करते हैं, तो कुछ नहीं। प्रत्येक व्यक्ति के अपने अपने तर्क एवं सिद्धांत होते है। कोई ईश्वर को मानता है तो कोई नहीं। इस विषय को और गहराई से पढना चाहिए क्योंकि यह एक गहन चिंतन एवं अनुसंधान का विषय है। ईश्वर है या नहीं हम नहीं जानते प्रमाण के अभाव में इस बारे में कुछ कहना अनुचित होगा।
संदर्भ ग्रंथ सूची: -
वेद पुराण एवं उपनिषद्
बौद्ध एवं जैन धर्म ग्रंथ
इंटरनेट
द्वितीयक स्त्रोत।
नोट:- समस्त जानकारी को हमने सूक्ष्म अनुसंधान के बाद तैयार एवं प्रस्तुत किया है। इस लेख में हमने अनेक प्राथमिक एवं द्वितीयक स्त्रोतों का प्रयोग किया है। हमारी वेबसाइट ईश्वर के होने या ना होने की पुष्टि नहीं करती।
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