Biography of Mohammad Hidayatullah
मोहम्मद हिदायतुल्लाह
पूरा नाम: मोहम्मद हिदायतुल्लाह
जन्म: 17 दिसंबर, 1905
मृत्यु: 18 सितंबर, 1992
मोहम्मद हिदायतुल्लाह एक प्रमुख भारतीय न्यायविद और राजनेता थे जिन्होंने भारत के कानूनी और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान किया। वह भारत के कर्मचारी राष्ट्रपति और भारतीय उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं। यहां मोहम्मद हिदायतुल्लाह की संक्षिप्त जीवनी है:
शिक्षा और उच्चतम न्यायालय के प्रमुख:
- मोहम्मद हिदायतुल्लाह का जन्म 17 दिसंबर 1905 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था।
- उन्होंने अपनी शिक्षा कोकटा में प्रारंभ की और फिर ऑक्सफ़र्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से विधिशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
भारतीय न्यायपालिका में योगदान:
- मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने 1968 से 1970 तक भारतीय उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय दिए, जिनका भारतीय विधिवाद में दीर्घकालिक प्रभाव रहा।
- उन्हें कानून के मामले में और न्याय की मूलभूत अवधारणाओं के प्रति समर्पित जाना जाता था।
भारत के कर्मचारी राष्ट्रपति:
- मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने दो बार भारत के कर्मचारी राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। पहली बार, वे 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक और दूसरी बार, वे 31 अगस्त 1969 से 24 सितंबर 1969 तक कार्यभार संभाले।
- उन्होंने कर्मचारी राष्ट्रपति के पद को संभालने के समय महत्वपूर्ण योगदान दिया जब नियुक्त राष्ट्रपति, डॉ. जाकिर हुसैन, का निधन हो गया था और एक नया राष्ट्रपति चुना जाना बाकी था।
राजनीतिक करियर:
- न्यायिक करियर के अलावा, मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने राजनीति में भी भाग लिया। वे भारतीय पर्लियामेंट के उच्चसदन, राज्यसभा के सदस्य रहे और कई अन्य राजनीतिक पदों को भी संभाले।
- वे भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में मान्यता प्राप्त करने वाले व्यक्ति थे।
अंतिम जीवन और विरासत:
- मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने सेवानिवृत्त होने के बाद भी कानूनी और संविधानिक मामलों में योगदान करते रहा।
- उन्हें 1989 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" प्रदान किया गया, उनके महान योगदान की पहचान के रूप में।
- मोहम्मद हिदायतुल्लाह का योगदान आज भी भारतीय कानून और राजनीतिक मंचों में महत्वपूर्ण है, और वह न्याय, कानून की सिद्धांतों और भारतीय समाज के सुधार के प्रति उनकी समर्पण भरी विरासत के रूप में याद किए जाते हैं।
मोहम्मद हिदायतुल्लाह का जीवन और करियर न्याय के मूलभूत सिद्धांतों, कानून के प्रति विश्वास, और भारतीय समाज के सुधार के प्रति उनकी समर्पण भरी प्रमाण हैं। उनका योगदान भारत के कानून और राजनीतिक दृष्टिकोण को सुधारने में अच्छूत निशान छोड़ गया है।
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